आठवीं राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षक काँग्रेस
परिचय
राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस देश के
शिक्षकों का एक ऐसा मंच है जहां से विज्ञान शिक्षण के क्षेत्र में अपनी समाझ और
जागरूकता का स्तर विकसित कर सकते हैं। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद द्वारा प्रवर्तित
राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षक कांग्रेस वर्ष 2013 से ही लगातार शिक्षकों के मौलिक विचारों,
धारणाओं और सुझावों को आपस में साझा करके और कक्षाओं में विज्ञान-शिक्षण को
प्रभावी बनाने की दिशा में एक प्रयोग है।
राष्ट्रीय विज्ञान
शिक्षक काँग्रेस के उद्देश्यः
विज्ञान एवं गणित
शिक्षकों को उनके विज्ञान शिक्षण में नवाचारी उपागमों को शिक्षक समुदाय के समक्ष
प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करना है। शिक्षकों को दूसरे शिक्षकों के अच्छे
विचारों को चुनने और अपने शिक्षण अनुभव में उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना। वैज्ञानिक
शिक्षाविदों के भाषण में प्रतिभाग करने और उनसे प्रेरित होने का अवसर प्रदान करना।
मुख्य विषय - कृतिशीलता
से विज्ञान सीखनाः
विज्ञान एवं
प्रौद्योगिकी जागरूकता शिक्षा देश के समक्ष एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। विज्ञान
शिक्षा की सफलता विद्यालय स्तर पर किए गए शिक्षण की प्राथमिकता पर निर्भर करती है।
यह समझने की आवश्यकता है कि विज्ञान एक प्रक्रिया व उत्पाद दोनों है, विज्ञान की
विधि में परिकल्पना निर्माण, परीक्षण, आंकड़े एकत्र करना प्रेक्षण, विश्लेषण एवं
प्राप्त जानकारी के आधार पर निष्कर्ष निकालना शामिल है। शिक्षकों के सामने चुनौती
यह है कि विद्यार्थी सीखने के लिए विज्ञान शिक्षण की विधियों को आत्मसात करें। आज
के परिदृश्य में जहां शिक्षक और विद्यार्थी दोनों पाठ्यचर्या
के भारी बोझ से दबे हैं, विद्यार्थी अक्सर विज्ञान की विधियों को आत्मसात करने के
बजाय रटने का विकल्प चुनते हैं। इसके परिणाम स्वरुप सीखना एक समझौता हो जाता है और
विज्ञान संचार के सुधार, सीखने-सिखाने की नवीन विधियों से शिक्षक के प्रयोग नहीं
हो पाते हैं।
इस बात को ध्यान में रखते हुए
आठवीं राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षक काँग्रेस का केंद्रीय विषय, कृतिशीलता से विज्ञान सीखना चुना
गया है। अनेक स्रोतों से के निष्कर्षों से यह पता चलता है कि विद्यार्थी कृतीशीलता
से विज्ञान सीखने के अनुभवों को अधिक मात्रा में तथा लंबे समय तक याद रखते हैं।
राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षक काँग्रेस
के वर्तमान अंगों से शिक्षकों को यह अवसर मिलेगा कि वह विज्ञान संचार एवं
प्रौद्योगिकी के नए प्रयोगों को करके सीखना तथा हाथों द्वारा किए गए प्रयोगों के
माध्यम से सीख पाएंगे।
उपविषयः
v
कम लागत/बिना लागत की
शिक्षण अधिगम सामग्री का अभिनव प्रयोग
v
विज्ञान,
प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी एवं गणित (STEM) शिक्षा की चुनौतीयां - विद्यालय से
समाज की ओर
v
आत्मनिर्भरता के लिए
विज्ञान
v
अभिनव जांच तकनीक
v
समावेशी (STEM) शिक्षा
v
अभिनव वोकेशनल
विज्ञान शिक्षा
राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस 17 से 19 दिसंबर 2015 को इंडियन
इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) डॉ होमी बाबा रोड, पाशान,
पुणे महाराष्ट्र में आयोजित किया गया, जिसमें चयनित शिक्षकों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
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